हलफनामे के मुताबिक जांच एजेंसी को पता चला है कि 1993 से ही कोयला ब्लाक आबंटन और खदानों के विकास के लिए ठेका देने व सरकार के अधीन वर्ग के तहत सार्वजनिक उपक्रमों के साथ संयुक्त उपक्रम बनाने में अनियमितताएं हुई हैं। ' हलफनामे में कहा गया है,‘प्राधिकारियों ने कोयला मंत्रालय की ओर से सरकारी वितरण वर्ग के तहत आबंटित कोयला ब्लाक की खदानों के विकास के लिए ठेका देने में नियमों और प्रक्रिया का पालन नहीं किया।